गुरुवार, 28 अप्रैल 2011
बुधवार, 27 अप्रैल 2011
अब तुम जो नहीं आते
आजकल टुटा फूटा सा हु
सपने भी अधूरे है
कही वक़्त से सपना भी नहीं आता
अब तुम जो नहीं आते
सासे सहारा की रेत सी बिखरी बिखरी है
आँखों मै कांटे चुभने लगे है
जहा कभी तेरा चेहरा हुआ करता था
ना वो मोसम ना सर्दी की राते
अब तुम जो नहीं आते अब तो
खवाब भी नहीं आते
गर्मियों की दोहपर मै तुमे ख़त लिखा करती थी
अब नहीं लिख पाती उंगलिया
तुमने जो मना किया था
क्या तुमे याद है
लबो पर नाम भी नहीं अब तो तुमने
ही कहा था जिक्र ना करना कभी
ना कुछ सालो से डाकिये की आवाज़ आयी
ना तेरा कोई ख़त आया
सब टुटा टुटा सा है खवाब
बिखरे बिखरे से ............
खुद को बिखरने से न रोक पायी
जिन्दगी तो टूटे मोतियों की माला हो गयी
जिन्दगी तो टूटे मोतियों की माला हो गयी
फिर भी तुम्हरी हर बात को संभाल रखा है याद है वो फ़ॉर्क जिस पर तुमने
बर्फ का गोटा गिराया था वो तुमारी आधी खायी चोकलेट आज भी संभाली रखी
है तुम्हारे दिए वो रंग सुख से गए है और खुशिया भी .........................................
अब तुम जो नहीं आते
रविवार, 24 अप्रैल 2011
come back my honey
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dont go ..plz i mis u honeywithpoem |
i miss you all of day when i see sky i feel u watch me with u r dark blue eyes i miss u my baby
u know when u see me first time you really make my heart beat feast .but now why u make me crying child
every day i want sleeping in you arms live in your heart nobody can make me happy without you
plz............comeback..................................comeback my honey ................sweet heart comeback
every nights my eyes full of with tears in you are sweet memories i want try to forget you but it not
possible for me come back honey come back i still missing you oh dear honey oh honey oh honey
i have great hope one day you come back in my life with full of joy and feeling i am waiting honey
plz come and make me happy and caught me in you are arms my lips is waiting ............................................................................................... i m still waiting for you plz come back
come back my honey
Avery morning i want see you i want open my eyes with you are lovely voice with milky smile
i miss you all of day when i see sky i feel u watch me with u r dark blue eyes i miss u my baby
u know when u see me first time you really make my heart beat feast .but now why u make me crying child
every day i want sleeping in you arms live in your heart nobody can make me happy without you
plz............comeback..................................comeback my honey ................sweet heart comeback
every nights my eyes full of with tears in you are sweet memories i want try to forget you but it not
possible for me come back honey come back i still missing you oh dear honey oh honey oh honey
i have great hope one day you come back in my life with full of joy and feeling i am waiting honey
plz come and make me happy and caught me in you are arms my lips is waiting ............................................................................................... i m still waiting for you plz come back
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011
समाज का सिनेमा the reall story of indian social
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honeywithpoem.blogspot.com |
समाज तो शक्ति कपूर जेसा है कोई भी लड़की नज़र आई तो उसे गुरना शरू (आहू ..आहू.) ( नज़र रखना शरू)
समाज तो ३ इन वन खलनायक है और तो आश्चर्ये की बात है की जिन्दगी के सिनेमा मै खलनायक के खिलाफ कोई नायक खड़ा ही नहीं हो पाता ( ये पहला सिनेमा है जाह पर नायक की हार होती है ) खड़े होने से पहले ही समाज के लम्बे लम्बे ताने नायक को जिन्दा ही दफ़न कर देते है जिन्दगी के सिनेमा मै कही प्रेम कहानीया बनती है रोज कई लैला मजनू मरते है कही आशिक कतल होते है तो किसी का प्यार सांस भी नहीं ले पाता है
पर यहाँ समाज का राज है यहाँ वही चलेगा जो समाज चाएगा इस फिल्म (सिनेमा) मै एक ही डायलोग है अरे समाज क्या कहेगा कुछ तो समाज की सोच इधर न सन्नी पाजी का ढाई किलो का हाथ काम आता है न कुछ समाज तो पुरानी हिंदी (फिल्मो ) सिनेमा का ठाकुर होता है जो केवल गरीबो का खून चूसा करता था और समाज रूपी ठाकुर केवल माद्यम वर्ग को छलता है समाज का जहर तो होता हे माद्यम वर्ग के लिए है ग़रीब अगर समाज के खिलाफ कुछ करे तो कहा जाता है गरीब है ऐसी हरकत तो करंगे हे वरना बेचारे जायेंगे कहा और अमीर करे तो नयी फैशन मरता तो मिद्दल क्लास है सम्माज के फूटे ढोल को मिद्दल क्लास इंसान दोनों और से जोरो से बजा बजा कर अपनी जुटी ख़ुशी का दिखावा कर रहा है समाज तो एक लुटेरा है
बुधवार, 13 अप्रैल 2011
फिर आया ये वसंत
फिर आया ये वसंत सूखे पतों के साथ
कभी यहाँ गिरते
कभी वहा गिरते
उसकी जुल्फों से लहराते पते
कभी सर्सरहात का अहश्हाश देते वसंत के पते
जेसे वो दोड़कर सीने से लगता था जम कर बाहों मै लेता था
आज सीने से टकराते पते
महबूब की खुसबू देती वसंत की हवाए
उसके पास आने का अहश्हाश दिलाती हवाए
फिर आया वसंत ले कर उसकी यादे
मंगलवार, 12 अप्रैल 2011
अश्क
जेसे पूरी रात सोया न हो आँखे भारी सी है
कुछ अश्क की बुँदे इशक के धरातल पर टपकने को आतुर सी नज़र आती है
आकाश की छवि धरातल के अक्ष से आज बड़ी धुंधली सी नज़र आ रही है
जेसे कोई पुरानी तस्वीर याद आ रही हो उसके साथ गुजरा ज़माना याद आ रहा हो आँखों के
सामने सब दुन्ध्ला सा है लगता है आसमा के आशु निकल आयेंगे इतनी बड़ी गहरी आखो मै
कब तक तेर पायेंगे दूर पाहडी पर तहरा आकश एसा नज़र आता है जेसे अभी रो देगा
न जाने क्यों आज आकश इतना प्यारा और दर्द का सागर लगता है दिल मै तड़प उठती है की इसे बाहों मै
ले कर जी भर कर रो ले आसमा के के साथ अपने अश्क खो दे
सोमवार, 11 अप्रैल 2011
आज फिर वसंत लौट आया है
पेड़ो से पते पक कर गिरने लगे है आम पीपल नीम पलाश गुलमोहर
से गिरते पतों को देखकर कहता हु की काश...........................
जो दुखो का सैलाब मुजशे जुड़ा है वो भी अब तो पक चूका है.
काश ये दर्द का सैलाब भी इन सूखे पतों की तरह मेरे जिस्म ऐ (रूह)
का साथ छोड़ दे. ........................................................................................................................................................ सुहानी लगती है वसंत की चांदनी राते हलके
होकर चमकते पेड़ सुख के सागर मै गोत्ते लगाते ये पेड़ बड़े सुन्धर मालूम होते है
चमकते पेड़ इन चांदनी रातो मै जानत का नज़ारा देते है जेसे श्री कृष्ण ने यही राश रचा हो
चांदनी रात मै बांशुरी बजाई हो हो समधुर सुर है सारा का सारा वातावरण जेसे ख़ुशी के
फाग मै रंगा हो सबने अपने दुखो को त्याग कर जिस्म ऐ रूह को हल्का कर लिया काश वसंत की चांदनी रात मै गिरते पतों की तरहे मेरा भी दर्द सदा सदा की लिए कृष्ण की सुमधुर बांशुरी मै खो जाये गिरते पतों मै ये दर्द भी गिर जाए
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011
love latter
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i love you you are god for me avey breath i rember u again and again plz naver let go |
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