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i love you you are god for me avey breath i rember u again and again plz naver let go |
मेरी sajni ...... इस बसंत मै न जाने क्यों बार बार दिल से एक अव्वाज उठती है की हर लम्हा तेरे आगोश मै गुजार दू एक चांदनी रात तेरे साथ बाते करते गुजार दू हर लम्हा तेरे सजदे मै गुज्जरने की चाहत रकता हु तेरी खुबसूरत बेलोरी सिषे से आँखों मै खुद का उजल्ला सा चेअर दखने की चाहत बेहताशा बढती जा रही है हर रात चाँद को देखकर कुछ गुनगुनाता रहता हु पर अचानक से रुक जाता हु जब तुम मुजशे नाराज होती हो तो लगता है ये रात मुझे काटने को आयेगी चाँद से भी नफ़रत होती है ये तो तेरी मोहबत है जोचाँद को देखने पर मजबूर कर देती है , जान तुमारे साथ इतने रिश्तो को आयाम दे चूका हु की उनके टूटने के दर से हे सिहर जाता हु कल रात सपने मै तुमै नाराज होते देखा था और तुम मुझे छोड़ कर किसी महल की और चली जा रही हो मेरी हर अव्वाज को नकारते हुए इस एक पल के सपने ने आँखों की सारी नीद उदा daali आज जान तुम मुजशे नाराज भी हो न जाने क्यों डर है कई तुम मुझे अकेला छोड़ कर न चली जाओ तुमै खोने का डर मौत के डर से भी जायदा हो गया है लिखते लिखते मेरे हाथ भी कापने लगे है ये लिखे हुए सबध तुम पढ़ पाओगे या नहीं वेसे भी तो तुमे मेरी (हस्त लेकन .) बड़ी बेकार लगती है और तुमारा फरमान था की रोज कुछ पेज नक़ल रोज किया करू उसे करता भी हु पर कभी कभी तुमे ये बाते मेरे दिल की आवारगी लगे पर ये हकीकत का तराना है