तुम नहीं होती हो तो ये ग़रसुना सा लगता है मे HI नहीं दीवारे भी तुमे याद करती है रसोई तो सुनी SI लगती है गर तो मानो काटने को दोड़ता है तुमारे बिना यएः VERAAN होता है एक पल भी जब तुम कही जाती हो तो ये ग़र और दीवारे तुमारी आने की राहे देखती है जब तुम नहीं होती हो तो ग़र ग़र नहीं लगता हर पल बोजिल सा लगता है ..................... माँ मे एक पल भी तिमसे दूर नहीं रे सकता ..................................................................... तेरा बेटा हनी शर्मा
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